फर्जी डिग्री से शासकीय अस्पताल में डॉक्टर बना भाजपा नेता, 1 साल तक करता रहा इलाज, PM-CM के साथ तस्वीरें वायरल

पुलिस लाइन जबलपुर में FIR दर्जा किया गया है कई बार डॉ ने हार्ट सर्जरी की और लोगों को मौत का कारण बना है
जबलपुर। मध्य प्रदेश के दमोह में फर्जी डॉक्टर द्वारा हार्ट के मरीजों का ऑपरेशन और 7 की मौत का मामला थमा भी नहीं की जबलपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां भाजपा का एक नेता फर्जी डिग्री दिखाकर शासकीय अस्पताल में डॉक्टर बन गया। इतना ही नहीं उसने एक साल तक मरीजों का इलाज भी किया। आरोपी डॉक्टर के खिलाफ अब FIR दर्ज की गई है।जबलपुर की सिविल लाइंस थाना पुलिस ने रविवार रात भाजपा नेता शुभम अवस्थी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई जिला कोर्ट के आदेश पर की गई है। आरोप है कि शुभम अवस्थी ने कोरोना काल में आपदा के समय फर्जी डिग्री के आधार पर जिला अस्पताल में सरकारी डॉक्टर बनकर काम किया। वह कोरोना संक्रमण काल के दौरान संदिग्धों के सैंपल इकट्ठा करता था और कोरोना पीड़ितों के उपचार में भी सहयोग करता था
बताया जा रहा है कि कोरोना की पहली लहर (2020–2021) के बाद संक्रमण नियंत्रण के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की संविदा नियुक्ति हुई थी। इसी दौरान शुभम अवस्थी ने आयुष चिकित्सक के रूप में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति पा ली। उसने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से बीएएमएस की जाली डिग्री प्रस्तुत की और शासकीय स्वशासी आयुर्वेद कॉलेज का छात्र होने का दावा किया। इसके बाद उसने विक्टोरिया जिला अस्पताल में मरीजों का उपचार किया और सरकारी वेतन भी प्राप्त किया।पुलिस की शुरुआती जांच में शुभम अवस्थी की बीएएमएस डिग्री जाली पाई गई है। साथ ही, मध्यप्रदेश आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा बोर्ड का जो पंजीयन क्रमांक उसने प्रस्तुत किया, वह भी किसी अन्य चिकित्सक के नाम पर दर्ज पाया गया। फर्जी चिकित्सक की सेवाएं लेने पर स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। संवेदनशील पद पर नियुक्ति के दौरान दस्तावेजों की जांच और सत्यापन प्रक्रिया को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। यह नियुक्ति जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के प्रस्ताव पर हुई थी। ऐसे में जांच की आंच स्वास्थ्य अधिकारियों तक भी पहुंच सकती है
शुभम अवस्थी के फर्जीवाड़े का खुलासा उस समय हुआ जब जबलपुर निवासी शैलेन्द्र बारी ने उसकी डॉक्टरी डिग्री को कोर्ट में चुनौती दी। न्यायालय के निर्देश पर सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपी शुभम अवस्थी के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों के इस्तेमाल सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया है। फिलहाल शुभम अवस्थी फरार है।
शुभम अवस्थी इस के पहले मध्य प्रदेश के दमोह में फर्जी डॉक्टर द्वारा हार्ट के मरीजों का ऑपरेशन और 7 की मौत का मामला थमा भी
बताया जा रहा है कि कोरोना की पहली लहर (2020–2021) के बाद संक्रमण नियंत्रण के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की संविदा नियुक्ति हुई थी। इसी दौरान शुभम अवस्थी ने आयुष चिकित्सक के रूप में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति पा ली। उसने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से बीएएमएस की जाली डिग्री प्रस्तुत की और शासकीय स्वशासी आयुर्वेद कॉलेज का छात्र होने का दावा किया। इसके बाद उसने विक्टोरिया जिला अस्पताल में मरीजों का उपचार किया और सरकारी वेतन भी प्राप्त किया।