विपक्ष का विरोध और “गरीब विरोधी” तर्क

। संसद का शीतकालीन सत्र (19 दिसंबर, 2025) समाप्त हो गया है और अंतिम दिन VB-G RAM G बिल का पास होना सबसे बड़ी राजनीतिक चर्चा का विषय रहा।
इस विधेयक और इसके विरोध से जुड़ी कुछ मुख्य जानकारी यहाँ दी गई है:
विकसित भारत (VB-G RAM G) विधेयक की मुख्य बातें
यह बिल 20 साल पुराने मनरेगा (MGNREGA) कानून की जगह लेगा। इसके तहत मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
- कार्य दिवसों में वृद्धि: सरकार ने गारंटीकृत रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया है।
- परिसंपत्ति निर्माण (Asset Creation): अब ध्यान केवल मजदूरी देने पर नहीं, बल्कि गांवों में स्थायी संपत्तियां (जैसे जलाशय, सड़क और कृषि अवसंरचना) बनाने पर होगा।
- फंडिंग का ढांचा: पहले केंद्र सरकार मजदूरी का पूरा खर्च उठाती थी, लेकिन अब केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 का अनुपात होगा।
- डिजिटल पारदर्शिता: बायोमेट्रिक हाजिरी और रियल-टाइम डैशबोर्ड के जरिए भ्रष्टाचार रोकने का प्रावधान है।
विपक्ष का विरोध और “गरीब विरोधी” तर्क
मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी नेताओं ने इसका कड़ा विरोध करते हुए इसे “काला कानून” बताया है। उनके विरोध के मुख्य कारण ये हैं:
- नाम से गांधी जी का हटना: विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने महात्मा गांधी का नाम हटाकर उनके योगदान को कम करने की कोशिश की है।
- राज्यों पर बोझ: 40% खर्च राज्यों को देने की शर्त से विपक्षी दलों का मानना है कि गरीब राज्य इसे लागू नहीं कर पाएंगे और योजना धीरे-धीरे दम तोड़ देगी।
- कृषि श्रम पर रोक: बिल में प्रावधान है कि कटाई और बुआई के पीक सीजन (अधिकतम 60 दिन) के दौरान यह काम बंद रखा जा सकता है, जिसे विपक्ष ने मजदूरों के अधिकारों का हनन बताया है।
सत्र का अन्य अपडेट:
शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 8 विधेयक पारित किए गए, जिनमें परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलना (SHANTI बिल) और बीमा क्षेत्र में 100% FDI जैसे महत्वपूर्ण फैसले शामिल हैं।
क्या आप इस सत्र में पास हुए अन्य महत्वपूर्ण बिलों (जैसे SHANTI या बीमा संशोधन बिल) के बारे में विस्तार से जानना चाहेंगे?
